Thursday, 17 August 2017


  जीवन का सत्य

'लोहा' नरम होकर
       'औजार' बन जाता है,
'सोना' नरम होकर
       'जेवर' बन जाता है !
'मिट्टी' नरम होकर
       'खेत' बन जाती है,
'आटा' नरम होता है तो
       'रोटी' बन जाती है !

ठीक इसी तरह अगर
"इंसान" भी नरम हो जाये
तो लोगो के "दिलों"
मे अपनी जगह बना लेता है

Vijaysahani749.blogspot.com

             
           
         
        

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